एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): बीते शुक्रवार संयुक्त राज्य अमेरिका ने खुफिया जानकारी का खुलासा करते हुए बताया कि- अमेरिकी खुफिया विभाग को क्राउन प्रिंस (Crown Prince) ने साल 2018 में मारे गए पत्रकार जमाल खशोगी को पकड़ने या मारने के लिए मिशन को मंजूरी दी थी। इसी वजह से यूएस ने इस प्रकरण में शामिल कुछ लोगों पर प्रतिबंध लगाने और गिरफ्तारी का फरमान जारी कर दिया। सऊदी से अपने द्विपक्षीय संबंध बरकरार रखने के लिए क्राउन प्रिंस को प्रतिबंधों के दायरे से बाहर रखा गया।
अमेरिकी निवासी खशोगी, जिन्होंने क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की नीतियों जुड़ा आलोचनात्मक संपादकीय लेख (Critical Editorial Articles) वाशिंगटन पोस्ट में लिखकर अपनी राय ज़ाहिर की थी। इस्तांबुल में राज्य के वाणिज्य दूतावास में क्राउन प्रिंस से जुड़े गुर्गों की एक टीम ने जमाल खगोशी की हत्या कर दी थी।सऊदी सरकार और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस मामले में किसी भी तरह की भागीदारी से इनकार कर दिया।
अमेरिकी खुफ़िया विभाग की रिपोर्ट के निष्कर्षों को खारिज करते हुए। सऊदी प्रशासन ने अपने पिछले बयानों को दोहराकर बयान जारी किया कि खशोगी की हत्या को नफरती लोगों में अंज़ाम दिया। जो कि जघन्य अपराध था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने ये साफ किया कि, राजनीतिक विरोधियों की हत्यायें संयुक्त राज्य अमेरिका किसी भी तरह सहन नहीं करेगा। दूसरी ओर वाशिंगटन क्राउन प्रिंस से अपने द्विपक्षीय संबंध भी नहीं बिगाड़ना चाहता है।
सऊदी लंबे समय से तेल निर्यातकों मुल्कों में सबसे पहले पायदान पर है। ऐसे में ईरान से साझी दुश्मनी (Common hostility) के बीच क्राउन प्रिंस से तालुक्कात बिगाड़कर अमेरिकी सरकार किसी भी तरह अपने पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर प्रभाव नहीं पड़ने देना चाहती है। दोनों ही मध्य पूर्वी एशिया में रणनीतिक सहयोगी के तौर पर एक दूसरे में संभावनाओं के विकल्प समाप्त नहीं करना चाहते।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने बीते शुक्रवार नपे तुले अन्दाज़ में कुछ सऊदी मूल के लोगों पर वीजा प्रतिबंध लगा दिया। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि, ये कथित लोग जमाल खगोशी की हत्या में शामिल थे। जिसमें सऊदी का एक पूर्व उप खुफिया प्रमुख शामिल है। अब ये लोगों की अमेरिका में अपनी संपत्ति दूसरे लोगों को बेच नहीं सकेगें।
अमेरिकी अधिकारियों ने ये भी कहा कि वे सऊदी अरब से हथियारों की डील रद्द करने वाले थे। जो कि मानवाधिकारों की चिंताओं को पैदा करता है और भविष्य की बिक्री को “रक्षात्मक” हथियारों तक सीमित कर किया जायेगा। अमेरिका को शक है कि सऊदी प्रशासन इसका इस्तेमाल यमन में और हिंसा भड़काने के लिए कर सकता है। अमेरिकी खुफिया विभाग के निदेशक द्वारा पेश चार पेज की रिपोर्ट में कहा गया कि “हम आकलन करते हैं कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान ने सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी को पकड़ने या मारने के लिए इस्तांबुल, तुर्की में एक ऑपरेशन को मंजूरी दी।”