न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के किये गये ऐलान के बाद, आज (1 मई 2021) से अमेरिकी और नाटो सेनाओं की वापसी अफगानिस्तान (Afghanistan) से शुरू हो चुकी है। माना रहा है कि आगामी 11 सितंबर तक सभी अमेरिकी सैनिकों की वापसी हो जायेगी। हालांकि अमेरिकी सैन्य बलों की वापसी के दौरान अफगानिस्तान में कट्टरपंथी हिंसा में किसी किस्म की कमी नहीं आयी। ताजा मामले में राजधानी लोगर में आतंकियों ने भरी भीड़ के बीच आत्मघाती कार बम विस्फोट किया। जिसमें 30 लोग मौके पर ही मारे गये।
ये कार बम विस्फोट पुल-ए-आलम हॉस्पिटल और एक गेस्ट हाउस के सामने भीड़ भरे इलाके को निशाना बनाते हुए किया गया था। धमाके में 30 लोगों की मौत के साथ 70 लोग बुरी तरह जख्मी हुये हैं। कई गंभीर रूप से घायल लोगों का स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है। विस्फोट के बाद पुल-ए-आलम अस्पताल की इमारत, एंबुलेंस और गेस्ट हाउस को भारी नुकसान पहुंचा। जिसमें कई स्वास्थ्य कर्मचारियों के भी घायल होने की जानकारी सामने आ रही है। इस हमले में मरने और घायल होने वाले ज्यादातर युवा छात्र है। जो यूनिवर्सिटी की परीक्षा देने आये हुये थे। फिलहाल हमले की जानकारी किसी भी आतंकी संगठन (Terrorist organization) ने नहीं ली है। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री ने इस वारदात के पीछे तालिबान का हाथ बताया है।
वाशिंगटन के मुताबिक आगामी 11 सितंबर तक अफगानिस्तान की सरजमीं से ढाई हजार से ज्यादा अमेरिकी और सात नाटो सैनिकों की वापसी हो चुकी होगी। जो कि मौजूदा हालातों में अफगानिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में मोर्चा संभाले हुए है। इस बीच नाटो और अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान की सेना के साथ कुछ औपचारिकतायें पूरी करने में लगे हैं। जिसके तहत सैन्य सामानों और हथियारों को सूची बनाकर अफगानिस्तानी सेना के सुपुर्द की जायेगी। साथ ही कुछ सामान अफगानिस्तान के बाज़ारों में भी खपाया जायेगा। हेलमंड प्रांत (Helmand Province) सहित कई अमेरिकी सैन्य ठिकानों से C-17 ग्लोब मास्टर कार्गो विमानों की मदद से सैनिकों और साज़ो सामान को एयरलिफ्ट किया जायेगा। जिसकी मुहिम शुरू हो चुकी है।