एजेंसिया/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): संयुक्त राज्य अमेरिका (US) ने बीते शुक्रवार (27 अगस्त 2021) को पूर्वी अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट के उन आंतकियों को निशाना बनाया जिन्होनें काबुल में आत्मघाती बम हमले की साज़िश रची थी। अमेरिकी सेना ने मुताबिक काबुल हवाई अड्डे पर बम विस्फोट के एक दिन बाद 13 और अमेरिकी सैनिकों और कई अफगान नागरिकों की मौत हो गयी।
राष्ट्रपति जो बिडेन ने बीते गुरुवार (26 अगस्त 2021) को कसम खायी थी कि संयुक्त राज्य अमेरिका हमले के लिये जिम्मेदार लोगों की तलाश करेगा और उन्होंने पेंटागन (Pentagon) को अपराधियों पर हमला करने की योजना बनाने के भी निर्देश दिये थे। यूएस सेंट्रल कमांड (US Central Command) ने कहा कि हमला काबुल के पूर्व में नंगहर प्रांत में हुआ लेकिन अमेरिकी सेना ने ये नहीं साफ किया कि जिस लक्ष्य को निशाना बनाया गया था वो कौन था/ वो कौन थे और उनके तार काबुल हवाईअड्डे पर हमले से जुड़ा थे या नहीं।
अमेरिकी सैन्य बयान में कहा गया कि शुरुआती संकेत हैं कि हमने लक्ष्य को मार गिराया। हमें पता है कि कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ है। इस्लामिक स्टेट खुरासान (Islamic State Khorasan -ISIS-K) जो पहले सीरिया और इराक में अमेरिकी सेना से लड़ने वाले आतंकवादियों से जुड़े हुए है, उन्होने कहा कि गुरुवार के हुए अमेरिकी हमले में दर्जनों लोग मारे गये जिनमें अफगान भी शामिल थे जो देश छोड़ने की कोशिश कर रहे थे। मारे गये 13 अमेरिकी सैनिकों के अलावा 18 घायलों को जर्मनी ले जाया गया।
काबुल के हवाई अड्डे पर लगभग 5,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं, जो कि राष्ट्रपति जो बिडेन द्वारा तय समय सीमा से पहले अमेरिकी नागरिकों, जोखिम वाले अफगानों और अन्य राष्ट्रीयताओं के लोगों को निकालने में मदद कर रहे हैं। बीते गुरूवार को हुआ हमला अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाकर किया था। आंतकी गुटों (Terrorist Groups) की इस तरह की कार्रवाई इससे पहले फरवरी 2020 में देखी गयी थी। अफगानिस्तान में करीब एक दशक बाद अमेरिकी सैनिकों के साथ हुआ ये बड़ा हादसा है।
इससे पहले व्हाइट हाउस में बयान जारी करते हुए राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि- हम हमले के जिम्मेदार आंतकियों को छोड़ेगें नहीं। हम माफ नहीं करेगें और ना ही इसे भुलाया जा सकता है। इसके गंभीर नतीज़े उन्हें (ISIS-K) भुगतने ही पड़ेगें। बयान जारी करने के दौरान राष्ट्रपति जो बिडेन भावुक हो गये। उनकी आवाज़ भर आयी। उन्होनें उन अमेरिकी जाब़ाज़ों का जिक्र किया था। जिन्होनें राष्ट्र की सेवा करते हुए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था। इस दौरान राष्ट्रीय शोक का ऐलान करते हुए देश की सभी इमारतों से राष्ट्रीय ध्वज़ में शोक में आधा फहराने का फरमान भी जारी किया।
बिडेन ने अपने सबसे गंभीर विदेश नीति संकट से निपटने का बचाव करते हुए कहा कि अंततः ये उनकी जिम्मेदारी है, जबकि साल 2020 के समझौते के लिए अपने पूर्ववर्ती रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रम्प (Republican Donald Trump) पर दोष मढ़ते हुए उन्होनें कहा कि ट्रम्प ने तालिबान के साथ बातचीत की थी।