न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): कोरोना (Corona) के मामले पर चीन के संदिग्ध रवैया को लेकर बीजिंग दुनिया भर के कई मुल्कों के निशाने पर आ गया है। कई बड़े और विकसित देशों ने चीन पर सही जानकारी छिपाने और साझा ना करने का इल्जाम लगाया है। इसी मुद्दे को लेकर अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन (Security Advisor Jake Sullivan) ने बीते रविवार (20 जून 2021) को चीन को धमकी दी। उन्होंने कहा कि अगर चीन इस मामले में ढंग से सहयोग नहीं करता है तो उसे अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में अलग-थलग किया जायेगा।
फॉक्स न्यूज को दिए अपने इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि G7 के कई नेता चीन पर इस बात के लिए दबाव बनाएंगे कि वे पारदर्शी तरीके से दूसरे देशों को कोरोना वायरस की उत्पत्ति से जुड़े सभी तथ्य और जानकारियां साझा करें। अगर ऐसा करने में वो नाकाम रहता है तो उसे वैश्विक स्तर पर अलगाव (Isolation) का सामना करना पड़ेगा। जिसके काफी गंभीर आर्थिक नुकसान होगें।
गौरतलब है कि अभी तक वायरस की उत्पत्ति को लेकर गहरा सस्पेंस बना हुआ है। कोरोना वायरस का पहला मामला चीन के वुहान में मिला था। इसी बात को केंद्र में रखते हुए जेक सुलिवन ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन ने पहली बार कोविड-19 के मसले पर सभी मुल्कों को एकजुट किया जबकि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ऐसा करने में नाकाम रहे। जी-7 के सभी देशों ने चीन के खिलाफ मुखर आवाज उठायी और कहा कि बीजिंग को अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की जांच प्रक्रिया को पूर्ण सहयोग करना चाहिये ताकि असलियत से पर्दा उठ सके।
Corona महामारी के मुद्दे पर खुद राष्ट्रपति जो बाइडेन चीन को घेरा
बीते बुधवार को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, चीन खुद को दुनिया के सामने बेहद जिम्मेदार मुल्क की तरह पेश कर रहा है। वो दुनिया को ऐसे जता रहा है कि कोरोना महामारी और वैक्सीनेशन के मुद्दे पर वो खुला सहयोग देने के लिये तैयार है। मुझे लगता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीनी प्रशासन को और ज्यादा जिम्मेदार होने की जरूरत है। खासतौर से मानवाधिकार और पारदर्शिता के मोर्चें पर उसकी विश्वसनीयता काफी संदिग्ध (Doubtful Credibility) है।