न्यूज डेस्क (श्रेयसी घोष): आधार कार्ड (Aadhar Card) सभी भारतीय नागरिकों के लिए अनिवार्य है। ये किसी व्यक्ति की सभी संवेदनशील जानकारी सहेजे रखता है और इसलिए ये धोखाधड़ी जैसी गतिविधियों के प्रति अधिक संवेदनशील होता है। ऐसी किसी भी चीज को रोकने के लिये भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने हाल ही में ट्विटर पर एक नोटिस जारी कर आधार धारकों को इस तरह की धोखाधड़ी से सतर्क रहने की चेतावनी दी है।
यूआईडीएआई ने ट्वीट कर लिखा कि सभी 12 अंकों की संख्या आधार नहीं है। ये मात्र पहचान की सिफारिश है, जिससे कि भारतीय की पहचान के प्रमाण के रूप में स्वीकार करने से पहले आधिकारिक यूआईडीएआई वेबसाइट पर नंबर को सत्यापित (Verified) किया जा सके। इसमें आगे ये भी बताया गया है कि कैसे कोई शख़्स किस तरह से धोखाधड़ी से पूरी तरह बच सकता है अगर वे नियमित रूप से कुछ नियमों का पालन करे तो।
Aadhar Card को ऑनलाइन धोखाधड़ी/जालसाजी से बचाने के लिये कुछ प्रभावी कदम:
1) सार्वजनिक कंप्यूटर से किसी भी तरह सभी डाउनलोड की गई ई-आधार सामग्री को हटाना सुनिश्चित करें।
2) किसी भी परिस्थिति में अपना वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) साझा न करें।
3) किसी दूसरे के मोबाइल नंबर पर अपना आधार कार्ड लिंक ना करें।
4) मास्क्ड आधार या वर्चुअल आईडी (VID) का इस्तेमाल करें। ये अस्थायी रद्द करने योग्य 16-अंकीय रेंडम संख्या है जिसे आधार संख्या के साथ मैप किया गया है। जब भी आपको ऑथेंटिकेशन (Authentication) करने या ई-केवाईसी सेवा संचालित करने की जरूरत हो तो इसका इस्तेमाल आधार संख्या की जगह पर किया जा सकता है। यहां फायदा ये है कि आधार नंबर वीआईडी से नहीं लिया जा सकता है।
5) अपने बायोमेट्रिक्स को लॉक रखें। इसे यूआईडीएआई पोर्टल के माध्यम से डाउन किया जा सकता है और यूजर अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के इस्तेमाल से इसे अनलॉक कर सकते हैं।
6) नियमित तौर पर अपने आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री की जांच करें।