न्यूज़ डेस्क (प्रियंवदा गोप): लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान संत समाज के लिए लगातार दूसरी बुरी खबर सामने आ रही है। पालघर (Palghar, Maharashtra) में हुई दो संतो की मॉब लिंचिंग (Mob lynching) के बाद, अब योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Aadityanath) के पिता आनंद सिंह बिष्ट के देहावसान की पुष्टि हो चुकी है। डिहाइड्रेशन (dehydration), बीपी (Blood pressure) और पांव की उंगलियों में गैंग्रीन की समस्या के चलते उन्हें जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। हालत ज़्यादा गंभीर होने पर उन्हें दिल्ली एम्स (AIIMS) में रेफर किया गया। जहां उनका इलाज गेस्ट्रोंलॉजी (Gerontology) विभाग के डॉक्टर विनीत आहूजा की अगुवाई शुरू किया गया। तबीयत बिगड़ने पर किडनी (kidney) और लीवर (liver) की समस्या भी उभरने लगी। एम्स में इलाज के दौरान वेंटिलेटर पर ही उनका डायलिसिस किया गया। मल्टी ऑर्गन फैलियर के चलते उनकी मृत्यु हो गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पिता के देहावसान की सूचना एक मीटिंग के दौरान मिली। मृत्यु समाचार सुनकर वे भावुक हो गए। बावजूद इसके कर्तव्य का निर्वहन करते हुए उन्होंने मीटिंग जारी रखी। इस बीच सूबे के आला अधिकारियों ने सीएम आदित्यनाथ के लिए औपचारिक तैयारियां शुरू कर दी, ताकि वो पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हो सकें। लेकिन योगी सीएम आदित्यनाथ ने दिल्ली (Delhi) और उत्तराखंड (Uttrakhand) जाने से इंकार कर दिया।
शोक जाहिर करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ में अपनी मां को मर्मस्पर्शी पत्र में लिखा- अंतिम समय में उनके दर्शनों की अभिलाषा थी। उनकी मृत्यु का मुझे भारी शोक और दुख है। उनके द्वारा बचपन में दिखाए गए मार्ग के कारण, मैं लोकमंगल के पथ पर अग्रसर हूं। बढ़ रही कोरोना महामारी (Corona pandemic) के चलते उत्तर प्रदेश के 23 करोड़ लोगों का हित और लोकमंगल का निर्वहन मुझे ही करना है। जिसके चलते अंतिम संस्कार कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए असमर्थ हूं। मेरे पूर्वाश्रम से जुड़े सभी सदस्यों से अपील है कि, अंतिम संस्कार कार्यक्रम में कम से कम हिस्सा लें। ताकि कारगर ढंग से लॉकडाउन का पालन हो सके।
सीएम योगी आदित्यनाथ का ये रवैया अनुकरणीय हैं। लोकमंगल और कर्तव्यपथ के प्रति उनका अनुराग आने वाली कई पीढ़ियों के लिए मिसाल बनेगा। जहां लोगों को निजी हित से ऊपर उठकर राष्ट्रहित और लोकमंगल के कार्य करने की प्रेरणा मिलती रहेगी।