न्यूज डेस्क (स्तुति महाजन): Unlock-1 का दूसरा हफ्ता शुरू हो चुका है। ऐसे में केंद्र सरकार ने कई धार्मिक संस्थानों (Religious institutions) को सीमित दायरे में खोलने की अनुमति दे दी है। उत्तराखंड के पवित्र चार धामों (Char Dham, Uttarakhand) केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री को भी श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला गया है। इस बार दर्शनार्थियों को चार धामों की यात्रा के दौरान कई प्रशासनिक बंदिशों (Administrative restrictions) का सामना करना पड़ सकता है। जिसके लिए उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन ने श्रद्धालुओं के लिए विस्तृत गाइडलाइंस (Detailed Guidelines) जारी की है। जिसके तहत कंटेनमेंट जोन (Containment Zone) को छोड़कर पूरे राज्य में श्रद्धालुओं (Devotees) के लिए होटल और होमस्टे सेवाएं (Hotel & Homestay Services) खोली जाएंगी। उत्तराखंड प्रवास के दौरान दर्शनार्थियों को लिखित में घोषित करना होगा कि, वह किसी सार्वजनिक जगह पर या फिर राज्य के पर्यटक स्थलों का दौरा नहीं करेगा। घोषणा करने पर उन्हें डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट (District magistrate) दंडित भी कर सकेंगे।
राज्य के होटल और रेस्टोरेंट प्रबंधकों के लिए उत्तराखंड पर्यटक विभाग ने मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedure of Uttarakhand Tourist Department) जारी की। इसके तहत राज्य के सभी रेस्टोरेंट प्रातः 7:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक संचालित होंगे। सभी शॉपिंग मॉल संचालकों को गृह मंत्रालय और परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करने की हिदायत दी गई है। एसओपी में मॉल प्रबंधन को 50 फ़ीसदी दुकान खोलने के आदेश जारी किए गए हैं। साथ ही प्रबंधकों को सेल्फ डिक्लेरेशन प्रमाणपत्र (Self declaration certificate) भी डीएम ऑफिस में जमा करवाना होगा, जिसमें साफ तौर पर ये दर्ज होगा कि, इंफेक्शन की रोकथाम के लिए प्रबंधन सभी प्रभावी कदम उठा रहा है।
राज्य में चार धाम सहित सभी धार्मिक स्थल सुबह 7:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक खुलेंगे। कंटेनमेंट जोन में आने वाले धार्मिक स्थलों को अभी यह छूट नहीं दी गई है। जिला प्रशासन मंदिर प्रबंधन/बोर्ड/ट्रस्ट (Temple Management/Board/Trust) के साथ मिलकर जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए पूजा, दर्शन और धार्मिक गतिविधियों से जुड़ी नीतियां तय करेगा। चार धाम से जुड़ा संबंधित जिला प्रशासन सभी हितधारकों (Stakeholders) के साथ बैठक कर मंदिर खुलने बंद होने, दर्शन से जुड़ी कवायदों का मूल्यांकन करेगा। प्रक्रिया के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों और नियम कायदों का प्रचार प्रसार पहले से ही करना सुनिश्चित किया जाएगा। ताकि दर्शनार्थियों को किसी तरह की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। अगले आदेशों तक राज्य के अन्य तीर्थ स्थलों (Pilgrimage sites) को फिलहाल बंद ही रखा जाएगा। चारधाम बोर्ड की तैयारियों को देखते हुए लगता है कि, मंदिर परिसर में एक बार में निर्धारित संख्या में ही श्रद्धालुओं को आने की आज्ञा दी जाएगी। इस दौरान श्रद्धालु प्रतिमाओं का स्पर्श नहीं कर पाएंगे। भोग-प्रसाद की मनाही होगी। सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए जमीन पर चिपके स्पीकर के ऊपर ही खड़ा होना होगा। दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ने पर पुलिस प्रशासन लोगों को तुरंत चार धाम परिसर से बाहर निकाल देंगे। मंदिर से जुड़ी स्वयंसेवी संस्थाएं (Voluntary organizations) सैनिटाइजेशन और कोरोना गाइडलाइंस से जुड़ी दूसरी व्यवस्था संभालेंगी। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान खास बात ये रहेगी कि, श्रद्धालुओं को केवल दर्शन की ही अनुमति होगी। प्रसाद और चढ़ावे पर पूरी तरह पाबंदी लागू रहेगी।