न्यूज डेस्क (निकुंजा वत्स): उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली में गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब (Gurdwara Shri Hemkund Sahib) यात्रा के मार्ग के पास बढ़ते तापमान और उमस के कारण बर्फ तेजी से पिघल रही है। भारी मात्रा में पिघलती बर्फ नदी में बहती हुई दिखाई दे रही है। मामले पर चमोली पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे (Chamoli Superintendent of Police Shweta Choubey) ने कहा कि, ”गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग के पास भीषण गर्मी के कारण बर्फ तेजी से पिघल रही है। बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham) के पास भी बर्फ पिघलने लगी है”
हेमकुंड साहिब चमोली जिला प्रमुख तीर्थ स्थल है। हर गर्मियों में दुनिया भर से हजारों भक्त यहां दर्शन के लिये आते है। इस बीच गुरुद्वारा प्रबंधन ने ऐलान किया कि उत्तराखंड के चमोली जिले में गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब के दरवाजे 22 मई 2022 से श्रद्धालुओं के लिये खोले जायेगें। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट (Gurdwara Shri Hemkund Sahib Management Trust) के उपाध्यक्ष नरिंदरजीत सिंह बिंद्रा (Narinderjit Singh Bindra) ने कहा कि, “गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब के कपाट 22 मई को सुबह 10.30 बजे श्रद्धालुओं के लिये खुलेंगे और इसके लिये सभी रखरखाव के काम ट्रस्ट द्वारा पूरे किये जा रहे हैं।” .
ट्रस्ट के प्रबंधन के मुताबिक इससे पहले साल 2021 में यात्रा 18 सितंबर को कोरोनावायरस महामारी दिशानिर्देशों पर विचार के साथ शुरू हुई थी, जिसमें कहा गया था कि एक दिन में गुरुद्वारा परिसर में सिर्फ 1,000 दोहरे टीकाकरण वाले श्रद्धालु जिनकी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट 72 घंटे से ज़्यादा पुरानी नहीं है, उन्हीं को ही यात्रा करने की अनुमति दी गयी थी।
ये गुरुद्वारा सबसे प्रतिष्ठित सिख तीर्थ स्थलों में से एक है। ये एक झील के किनारे स्थित है और ऐसा माना जाता है कि 10वें गुरु श्री गोबिंद सिंह ने इस स्थान पर ध्यान लगाया था।