न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): उत्तराखंड सरकार ने बीते मंगलवार (7 सितंबर 20221) चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) को फिर से शुरू करने की मांग करते हुए नैनीताल उच्च न्यायालय (Nainital High Court) का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश आरएस चौहान (Chief Justice RS Chauhan) और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के सामने पेश महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर (Advocate General SN Babulkar) और मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने ज़ुबानी तौर पर चारधाम यात्रा पर लगे प्रतिबंध को हटाने का अनुरोध करते हुए कहा कि हजारों लोगों की रोजी रोटी चारधाम यात्रा से जुड़ी हुई है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि “जब तक मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन (Under Consideration) है, तब तक उच्च न्यायालय रोक हटाने पर विचार नहीं कर सकता।”
इससे पहले उच्च न्यायालय ने 28 जून को चारधाम यात्रा जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, कोविड-19 संक्रमण को नियंत्रित करने के लिये पर्याप्त तैयारी की कमी, डॉक्टरों की कमी और जिला प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर अगले आदेश तक यात्रा पर पांबदी लगा दी थी।
हालांकि जुलाई में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन (Special Leave Petition) दाखिल की थी।चारधाम यात्रा जिसमें केदारनाथ मंदिर की यात्रा खासतौर से शामिल है, ये तीर्थयात्रा साल देश और विदेश से लाखों पर्यटकों और भक्तों को ये आकर्षित करती है।