न्यूज डेस्क (मातंगी निगम): उत्तरकाशी जिले (Uttarkashi District) के चिन्यालीसर इलाके (Chinyalisaar locality) के जंगल में 30 दिसंबर को पाकिस्तानी झंडा (Pakistani flag) और कई बैनर मिले थे। गुब्बारे हरे थे, लेकिन उनमें से ज्यादातर गुब्बारों की हवा निकाल चुकी थी, और लगभग एक दर्जन फूले ही रह गये थे। इलाके में पाकिस्तानी गुब्बारे मिले जाने को लेकर इंटेलिजेंस ब्यूरो (Intelligence Bureau) और राज्य पुलिस की जांच कई विरोधाभासी बाते सामने आयी।
उमर अफजल नाम के लाहौर उच्च न्यायालय (Lahore High Court) के वकील ने कथित तौर पर फेसबुक पर समाचार का लिंक पोस्ट किया था, जिसका टाइटल था लाहौर बार एसोसिएशन (Lahore Bar Association) का बैनर भारत में देखा गया। लाहौर बार एसोसिएशन के सलाना क्रिकेट स्पोर्ट्स फेस्टिवल 2022 के लिये अफ़ज़ल ने 27 दिसंबर को तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किये थे। इस दौरान वहां छोड़ गये गुब्बारे को रंग और साइज के गुब्बारे उत्तरकाशी में देखे गये जो कि उत्तरकाशी में देखे गये थे।
ऐसे में बड़ा सवाल ये कि आखिर पाकिस्तानी गुब्बारे उत्तरकाशी कैसे पहुँचे? मौसम वैज्ञानिक अनुमान लगाते हैं कि गुब्बारे आसमान में ऊपर से हवाओं की रास्ते भारत की दिशा की ओर उड़ाये गये होंगे। कुछ हालातों में छोटे गुब्बारे लंबी उड़ान कर सकते हैं। हवाएं अनुकूल थीं क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) ने पूर्व की ओर अपना रास्ता बना लिया था। भीषण कोहरे का मतलब है कि आकाश में वस्तु के पहले देखे जाने की संभावना नहीं थी।
28 और 30 दिसंबर को पश्चिमी हिमालय इलाके में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय था, जो कि उत्तराखंड में पाकिस्तानी गुब्बारों के सफर के लिये अनुकूल हालात बना रहा था। उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police) की ओर वेरिफाई किया गया था कि गुब्बारों से जुड़ा झंडा लाहौर बार एसोसिएशन के 27 दिसंबर को आयोजित समारोह से जुड़ा हुआ था।