न्यूज़ डेस्क (गौरांग यदुवंशी): आगामी टीकाकरण की तैयारियों को परखने के लिए आज पूरे देश में पूर्वाभ्यास (Vaccine Dry Run) किया जा रहा है। कोविशील्ड और कौवैक्सीन को औषधि नियामक बोर्ड से इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे में 737 जिलों तैयारियों को परखा जा रहा है। जिसके लिए बीते गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की अगुवाई में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के बीच ऑनलाइन बैठक हुई थी। इस मॉक ड्रिल के द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्टेशन और कोल्ड स्टोरेज चैन (Transportation and cold storage chain) की क्षमताओं को परखा जायेगा।
इसके साथ ही इस काम में आने वाली को-विन ऐप और उसके डिजीटल प्लेटफॉर्म की परखा जायेगा। इसकी मदद से वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन को काम संभाला जायेगा। इसकी मदद से टीके के स्टॉक, कोल्ड स्टोरेज स्टेटस, टीके के लाभार्थियों को टीके लिए जगह और स्थान निर्धारित करने से जुड़े कामों में अंज़ाम दिया जायेगा। कॉर्डिनेशन और मैनेजमेंट के लिए ये ऐप संबंधित अधिकारियों में बड़ी मदद मुहैया करवायेगी। इस काम को जिले के मेडिकल सुपरिटेंडेंट की निगरानी में किया जायेगा। इस दौरान ऐप के लिए आईटी पेशेवर और पैरामेडिकल स्टॉफ मिलकर काम करेगें।
दूसरी ओर मॉर्डना ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि, उनका टीका लगवाने वालों पर इसका असर लंबे समय तक कायम रहेगा। इस वैक्सीन को एमआरएनए तकनीक पर विकसित किया गया है। फिलहाल इसके लिए आंकड़ो का और विश्लेषण किया जा रहा है। बीते बुधवार को ही यूरोपीय कमीशन (European Commission) की मंजूरी से आगामी कुछ हफ़्तों में इसका इस्तेमाल किया जायेगा। मॉर्डना के सीईओ स्टीफन बेनसेल ने कहा कि, जो लोग ये बात करते है कि टीके का असर मात्र महीने या दो महीने तक ही सीमित रहेगा। ये सुनना काफी भयानक है। उन्होनें कहा कि, मॉर्डना वैक्सीन द्वारा इंसानी शरीर में विकसित एंटीबॉडी कई सालों तक वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता पैदा करेगें। अलग-अलग तरह के स्ट्रेनों पर भी ये कारगर रहेगी।