नई दिल्ली (दीपक खन्ना): कोरोनावायरस को देखते हुए दुनिया के अलग-अलग 12 देशों में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से वंदे भारत मिशन की शुरूआत की गयी है। इसके लिए एयर इंडिया 60 ज़्यादा उड़ाने भरेगी। अनुमान के मुताबिक पहले चरण में 12 देशों में फंसे तकरीबन 15,000 भारतीयों की वापसी मुमकिन हो पायेगी। खास बात ये है कि देश वापस आने वाले सभी लोगों को उड़ान का किराया अपनी ही जेब से भरना होगा। साथ ही देश में उतरने के बाद सभी को क्वारंटाइन (Quarantine) की प्रक्रिया से भी गुजरना होगा। गौरतलब है कि अमेरिका और ब्रिटेन की उड़ान भरने में चालक दल को देरी का सामना करना पड़ा। क्योंकि क्रू-मेम्बर का Covid-19 टेस्ट होने में काफी देरी हुई। बढ़ते वायरस इंफेक्शन (Virus infection) को देखते हुए भारत ने मार्च में ही सभी अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों पर कड़े प्रतिबंध लागू कर दिये थे। जिसके बाद से विदेशों में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए सीमित उड़ानों को मंजूरी दी गयी।
विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस देश में लाने की मौजूदा नयी कवायद को वंदे भारत मिशन नाम दिया गया है। केन्द्र सरकार की ओर से यह भारतीयों की देश वापसी का सबसे बड़ा संगठित प्रयास है। पूरी मुहिम के दौरान करीब-करीब 2,00,000 भारतीयों की वापसी संभव हो पायेगी। अगर ये मुहिम कामयाब रही तो 1990 में छिड़े खाड़ी युद्ध के बाद ये सबसे बड़ा बचाव अभियान होगा। खाड़ी युद्ध के दौरान 1,70,000 भारतीयों की सकुशल वापसी करवायी गयी थी। वंदे भारत मिशन में एयर इंडिया दूसरे देशों के साथ अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, सिंगापुर, कतार और मलेशिया के लिए भी उड़ान भरेगी।
वापसी के दौरान ज़्यादातर उड़ान केरल में उतरेगी। क्योंकि केरल से ही अधिकांश लोग बाहर विदेशों में काम करने जाते है। इस बचाव अभियान के दौरान उड़ान में उन्हीं लोगों को शामिल किया जायेगा जो वायरस इंफेक्टिड नहीं है। केन्द्र सरकार के मुताबिक एक फ्लाइट में 200 से 250 पैसेंजर होगें। क्रू-मेम्बर सहित सभी पैसेंजरों को मेडिकल प्रोटोकॉल (Medical protocol) का पालन करने की बाध्यता होगी। यदि उड़ान के दौरान किसी भी यात्री में कोरोना के लक्षण पाये जाते है तो, उसे विमान में बने आइसोलेशन जोन में ले जाया जायेगा।
बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं जिन्हें मेडिकल सहायता की खास जरूरत है उन्हें विमान में सवार होने के लिए प्राथमिकता दी जायेगी। यात्रियों की वापसी के बाद संबंधित राज्य उनके रहने-खाने और क्वारंटाइन करने की व्यवस्था करेगें। वंदे भारत मिशन को सफल बनाने के लिए नौ-सेना के बेड़ों का भी इस्तेमाल किया जायेगा। मालदीव में फंसे तकरीबन 1,000 भारतीयों के बचाव के लिए दो नौ-सेना के ज़हाजों की तैनाती कर दी गयी है। विदेशों में फंसे भारतीयों से विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपील करते हुए उन्हें स्थानीय भारतीय दूतावासों के सम्पर्क में रहने के लिए कहा है।