नई दिल्ली (जयन्त यशस्वी): भारतीय प्रवर्तन एजेंसियों (Indian Enforcement Agencies) की ओर से विजय माल्या (Vijay Mallya) के प्रत्यर्पण की सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है। अब जल्द ही आर्थिक भगोड़े विजय माल्या को हिंदुस्तान लाना संभव हो पाएगा। शराब कारोबारी पर भारतीय बैंकों का तकरीबन 9,000 करोड़ रुपए बकाया है। सूत्रों के मुताबिक मामले से जुड़ी एजेंसियां कभी भी विजय माल्या को हिंदुस्तान ला सकती हैं।
बीती 14 मई के दौरान ब्रिटेन की अदालत ने विजय माल्या की ओर से भारत प्रत्यर्पित करने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया गया था। प्रवर्तन निदेशालय के एक आला अधिकारी के मुताबिक- विजय माल्या अब कभी भी हिंदुस्तान लाया जा सकता है। हालांकि तारीख अभी निर्धारित नहीं है। जिस दौरान विजय माल्या द्वारा प्रत्यर्पण के खिलाफ जुड़ी याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया था, तभी हमने प्रत्यर्पण से जुड़ी सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर ली थी। फिलहाल केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और प्रवर्तन एजेंसियां कार्रवाई आगे बढ़ाने का रोडमैप तैयार कर रही है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार हिंदुस्तान आते ही सबसे पहले सीबीआई विजय माल्या को गिरफ्त में लेगी, क्योंकि सबसे पहले सीबीआई ने ही इस मामले में केस दर्ज किया था। शराब कारोबारी को उसी दिन भारत लाने का रास्ता साफ हो चुका था, जब ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। तकनीकी तौर पर न्यायालय के इस फैसले के बाद 28 दिन बीत जाने पर प्रत्यर्पण से जुड़ी कवायदों को अंजाम दिया जा सकता है।
गौरतलब है कि, शराब कारोबारी विजय माल्या ने तकरीबन 17 भारतीय बैंकों के साथ आर्थिक धोखाधड़ी की। जिनमें ज्यादातर बैंक सार्वजनिक क्षेत्र के हैं। साल 2016 के दौरान निजी कारणों का हवाला देते हुए वे ब्रिटेन भाग गए थे। सीबीआई उन पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से अवैध तौर पर लोन हासिल कर उन्हें विदेशी कंपनियों में डालने का दोषी पाया था।
हालांकि प्रत्यर्पण याचिका खारिज होने के बाद विजय माल्या ने कहा था कि, इस मामले में उनके खिलाफ चल रही सभी न्यायिक कार्रवाईयों को रोक दिया जाए तो, वह लोन की रकम बैंकों को अदा करने के लिए तैयार हैं।