एजेंसियां/न्यूज डेस्क (यामिनी गजपति): म्यांमार में तख्तापलट विरोधी प्रदर्शनकारियों पर सैन्य (Myanmar Crisis) कार्रवाई जारी है। असिस्टेंस एसोसिएशन ऑफ पॉलिटिकल प्रिजनर्स (AAPP) के मुताबिक बीते रविवार (23 मई 2021) तक सैनिक तानाशाह के इशारे पर अब तक 818 लोग मारे जा चुके हैं। AAPP ने बताया कि शहर से भागे लोगों के लिए खाना लाते वक़्त काया राज्य में जुंटा बलों द्वारा दो युवकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिसके बाद दोनों की लाशों को कथित तौर पर सैन्य शासन द्वारा ले जाया गया।
फिलहाल मौजूदा हालातों में 4,296 लोग हिरासत में हैं, जिनमें से 95 को सजा सुनाई गयी है। साथ ही 1,822 को गिरफ्तारी के लिये वारंट जारी किया गया है। इससे पहले म्यांमार के पूर्व में सैन्य जुंटा का विरोध करने वाले लड़ाकों और सैनिकों के बीच संघर्ष में सुरक्षा बलों के 13 से ज़्यादा सैनिक मारे गये।
एशिया निक्केई ने म्यांमार मीडिया के हवाले से बताया कि पीपुल्स डिफेंस फोर्स के लड़ाकों ने रविवार तड़के म्यूज़ में सुरक्षा बलों के साथ लड़ाई की। म्यूज म्यांमार और चीन के मेन क्रॉसिंग वाले इलाकों में से एक है। इस महीने की शुरुआत में म्यांमार की राष्ट्रीय एकता सरकार (एनयूजी) सैन्य तानाशाह के ज़वानों से लड़ने के लिये पीपुल्स डिफेंस फोर्स (People’s Defence Force) का गठन किया है।
इस बीच म्यांमार का चुनाव आयोग पिछले साल के चुनावों के दौरान धोखाधड़ी के आरोपों में आंग सान सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी को भंग करने पर विचार कर रहा है, जिसकी जमकर आलोचना हो रही है। सैनिक तानाशाह (Military dictator) द्वारा नियुक्त चुनाव आयोग के अध्यक्ष थीन सो ने राजधानी नेपीताव में राजनीतिक दलों के साथ बैठक में कहा, “हम उस एनएलडी पार्टी का क्या करें, जिसने अवैध रूप से योजना बनाई और काम किया? क्या पार्टी को भंग कर दिया जाना चाहिए? इस पर गंभीर विचार किया जाना चाहिए।”
यूरोपीय संघ ने म्यांमार की सेना को नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) को भंग करने के खिलाफ चेतावनी देते हुए एक बयान जारी किया है। जिसमें कहा गया कि जिस पार्टी ने नवंबर में चुनाव जीता था, अगर उसे भंग किया जाता है तो ऐसा करना म्यांमार की जनता की इच्छा की घोर अवहेलना होगा।