नई दिल्ली (समरजीत अधिकारी): तकरीबन 500 सालों के लंबे इंतजार के बाद Ram Mandir की जद्दोजहद 5 अगस्त 2020 को भूमिपूजन पर आकर थम गयी। इसके साथ ही इस बहुप्रतिक्षित लंबित मुद्दा (Long awaited pending issue) एक शानदार मोड़ की ओर बढ़ गया। देश ही नहीं पूरी इस अप्रतिम क्षण की गवाह बनी। सोशल मीडिया पर एक वीडियो खासा वायरल हो रहा है। जिसमें ये बताया गया है कि, दक्षिणी दिल्ली से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान (Aam Aadmi Party MLA Amanatullah Khan from South Delhi) के कुछ लोगों ने मदनपुर खादर इलाके में साम्प्रदायिक माहौल बनाने का पुरजोर प्रयास किया (communal atmosphere in Madanpur Khadar area)। जिसका शिकार इलाके के कुछ हिन्दू परिवार के बच्चे बने।
वीडियों में बताया गया कि, पाँच अगस्त को मदनपुर खादर गली नं-4 में इलाके के ही मुकेश, दीपक और गगन राम मंदिर भूमि पूजन के उपलक्ष्य में दीपोत्सव और मिठाई करके अपनी खुशियां जाहिर कर रहे थे। इतने में ही स्थानीय विधायक का संरक्षण प्राप्त कुछ लोगों ने (बुच्ची और मीनातुल्लाह) ने इन युवाओं का विरोध करते हुए दीपोत्सव और मिठाई वितरण कार्यक्रम में ज़बरन खलल (Forcible disruptions in Deepotsav and sweets distribution program) डाला। और उन्हें भगवान राम के नाम लेने से रोक गया, साथ ही उनके साथ मारपीट भी की। युवा अपनी जान बचाने के लिए मौके से भगाकर अपने घर पहुँचे। इतने में ही धर्म-विशेष के लोगों की उन्मादी भीड़ (तकरीबन 150 लोगों की) ने मौके पर पहुँचकर इलाके का साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की।
वीडियों में दिख रही महिलाओं ने बताया कि, उनके घरों पर जमकर पत्थरबाज़ी (Stone pelting on the houses) की गयी। साथ ही महिला सदस्यों के साथ विधायक अमानतुल्ला खान के लोगों ने छेड़छाड़ और बदसलूकी की। जब पीड़ित पक्ष ने कालिंदी कुंज थाने (Kalindi Kunj Police Station) में मामले से जुड़ी तहरीर दी तो उन्हें डर धमकाकर पुलिस ने वापस घर भेज दिया। मामले पर लीपापोती करते हुए दिल्ली पुलिस ने अभी एफआईआर भी दर्ज नहीं की। उल्टे पीड़ितों की गिरफ्तारी कर उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
पीड़ित परिजनों ने बताया कि, विधायक के लोगों ने उन्हें देख लेने की धमकी दी है। बावजूद इसके दिल्ली पुलिस कुछ नहीं कर रही है। कालिंदी कुंज थाने का स्टॉफ विधायक के रसूख तले दबा हुआ है। इसीलिए उस पर पुलिसिया कार्रवाई नहीं की जा रही है। जबकि अमानतुल्ला खान का नाम शाहीन बाग और ज़ाफराबाद दंगों में कई बार सामने (Amanatullah Khan’s name cropped up several times in Shaheen Bagh and Zafarabad riots) आ चुका है। इस वीडियों में कितनी सच्चाई है, इसकी पुष्टि टैंड्री न्यूज नहीं करता है। लेकिन ये वीडियों सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। अगर इस मामले में ज़रा सी भी सच्चाई है तो, ये मामला अपने आप काफी गंभीर है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल और गृहमंत्रालय (Arvind Kejriwal and the Ministry of Home Affairs) को इस मामले में संजीदगी के साथ संज्ञान लेना चाहिए।