नई दिल्ली (अक्षय कुमार): अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप (US President Trump) कोरोना वायरस के मसले पर लगातार चीन पर चौतरफा वार कर रहा है। उन्होनें एक बार फिर से बीजिंग (Beijing) पर दुनिया से सही जानकारी छुपाने के गंभीर आरोप लगाये। जिसकी वज़ह से दुनिया महामारी की आपदा (Pandemic disaster) से जूझ रही है। राष्ट्रपति ट्रंप ने फॉक्स न्यूज़ (Fox News) को दिए अपने इन्टरव्यू में कहा कि- दुनिया को खतरे में डालकर चीन ने बहुत बड़ी गलती की है। अभी भी बीजिंग अपनी करतूतों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है। बहरहाल सख़्त लॉकडाउन लागू करके चीन ने बढ़ते वायरस इंफेक्शन पर तकरीबन काबू पा लिया है। लेकिन उसने दुनिया भर के हेल्थ एक्सपर्ट्स (Health experts) से ये जानकारी साझा नहीं की। जिससे ये वायरस बेकाबू होता जा रहा है।
आमतौर पर राष्ट्रपति ट्रम्प को बेबाक बयानों के लिए कड़ी आलोचनाओं (Harsh criticisms) का भी सामना करना पड़ता है। हालांकि उन्होनें अपने इस बयान के समर्थन में दावा किया कि जल्द ही वाशिंगटन (Washington) एक रिपोर्ट सार्वजनिक करेगा। जिससे बीजिंग पर लगे अमेरिकी आरोप साबित होगें। इस मुद्दे पर अमेरिकी सचिव माइक पोम्पियो (US Secretary Mike Pompeo) ट्रंप से भी ज़्यादा आश्वस्त दिखे। दूसरी ओर कद्दावर वायरस विशेषज्ञों (Virus experts) का मानना है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों (US Intelligence Agencies) की रिपोर्ट राष्ट्रपति ट्रम्प के दावों से बिल्कुल अलग है। कोरोना वायरस इंसानों की खोज नहीं हो सकती। पूर्व अमेरिकी CIA निदेशक (Former CIA Director) और मौजूदा सचिव माइक पोम्पियो ने न्यूज एजेंसी ABC के कार्यक्रम “द वीक” में अपनी बात रखते हुए कहा- बीजिंग के साथ काम करना हमारे लिए बेइज़्जती की बात है। कोरोना वायरस वुहान की लैब से निकलकर दुनिया भर में फैला। ये बात साबित करने के लिए हमारे पास काफी सबूत है। कार्यक्रम के दौरान इस मसले पर उन्होनें आगे कुछ और बोलने से साफ इंकार कर दिया।
कोरोना वायरस की जांच करने वाले अधिकारियों (Investigating officers) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि, वुहान की लैब में कोरोना वायरस की चपेट में आकर एक जानवर की मौत हो गयी थी, जिस ठिकाने लगाने में चीन से कुछ भारी चूक हुई। नतीजन वायरस पूरी दुनिया में बेलगाम तरीके से फैल गया। हालांकि चीन इस तरह के इल्ज़ामों को नकारता रहा है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party) द्वारा संचालित होने वाले एक अखबार के संपादक ने ट्विट कर लिखा कि- अगर अमेरिका के पास कोई सबूत है तो उसे दुनिया के सामने लाना चाहिए। ना कि वुहान लैब की जाँच का ढोंग करके अमेरिकी जनता को मूर्ख बनाना चाहिए। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी “शिन्हुआ” (Xinhua) ने अधिकारिक रूप से एक वीडियो जारी किया। जिसमें अमेरिका का मज़ाक उड़ाया गया है। यूरोप के “द टाइम्स” के प्रमुख एवं राजनयिक संवाददाता स्टीवन एरलैंगर (Diplomatic Correspondent Steven Erlanger) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अमेरिका दुनिया भर में फैले इस संकट के दौर में अपने कुप्रबंधनो (Mismanagement) का ठीकरा बीजिंग पर फोड़ना चाहता है। जिससे उसकी नेतृत्व करने वाली महत्वाकांक्षा (Leading ambition) बनी रहे।