बिजनेस डेस्क (राजकुमार): प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी वीवो के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला (Vivo Money Laundering Case) शुरू करने के बाद कंपनी मुश्किल में है। ईडी ने बीते मंगलवार (5 जुलाई 2022) और बुधवार (6 जुलाई 2022) को वीवो कंपनी के 22 राज्यों में 44 ठिकानों और संबंधित फर्म पर छापेमारी किया गयी। मामले पर चीन ने कहा कि वो निष्पक्ष जांच की उम्मीद करते हैं।
चीन ने बुधवार को उम्मीद जतायी कि भारत कानूनों का पालन करेगा क्योंकि वो जांच और प्रवर्तन गतिविधियों को अंजाम देते हैं। उन्होंने ये भी आशा व्यक्त की कि भारत निवेश और ऑप्रेशंस करने वाली चीनी कंपनियों के लिये असल में निष्पक्ष, न्यायसंगत और गैर-भेदभावपूर्ण कारोबारी माहौल मुहैया करवायेगा।
इस बीच कुछ मीडिया रिपोर्टों में सामने आया कि चीनी फर्म के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा फंदा कसने के बाद से वीवो के निदेशक झेंगशेन ओयू और झांग जी (Vivo directors Zhengshen Ou and Zhang Jie) भारत छोड़कर भाग गये हैं। माना जा रहा है कि कंपनी की बढ़ती मुश्किलों को देखकर दोनों निदेशक जांच के डर से फरार हो गये हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक ईडी (ED) को लाखों रूपये के मनी लॉन्ड्रिंग का शक है, जिसके चलते ये कार्रवाई की जा रही है। मंगलवार और बुधवार को दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मेघालय (Meghalaya), महाराष्ट्र समेत देशभर में वीवो के 44 ठिकानों पर छापेमारी की गयी। हालांकि इस पूरे ऑपरेशन के दौरान कंपनी के डायरेक्टर्स नज़र नहीं आये। इसी के चलते ईडी को शक है कि दोनों देश छोड़कर भाग गये हैं।
बता दें कि इस मामले में सीबीआई (CBI) पहले से ही जांच कर रही है। आईटी विभाग के साथ, कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय (MCA) भी चीनी मैन्युफैक्चरिंग फर्मों पर कड़ी नज़रें बनाये हुए है। ईडी की ये छापेमारी चीनी कंपनियों के खिलाफ चल रही जांच का अगला पड़ाव है।
वीवो मोबाइल कम्युनिकेशंस (Vivo Mobile Communications) की स्थानीय इकाइयां और अन्य चीनी फर्मों की जांच के हिस्से के रूप में कथित वित्तीय अनियमितताओं के लिये लगातार केंद्रीय एजेंसियों के रडार पर हैं। अप्रैल में ईडी ने कंपनी द्वारा के गये गैरकानूनी लेन-देन (Illegal Transaction) को लेकर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत बैंक खातों में पड़े Xiaomi Technology India Private Ltd के 5,551.27 करोड़ रुपये जब्त किये।