न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया (Kirit Somaiya) की पत्नी मेधा सोमैया (Medha Somaiya) द्वारा दायर मानहानि के मामले में अदालत में पेश होने में नाकाम रहने के बाद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आज (4 जून 2022) शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया। मेधा के वकील विवेकानंद गुप्ता (Advocate Vivekananda Gupta) ने कहा कि राउत की तरफ से कोई भी वकील अदालत के सामने पेश नहीं हुआ। मामले की संजीदगी को भांपते हुए माननीय न्यायालय ने उनके खिलाफ 5,000 रुपये का जमानती वारंट जारी किया गया और मामले को 18 जुलाई तक के लिये स्थगित कर दिया।
18 मई को मेधा सोमैया ने राउत के खिलाफ 100 करोड़ रूपये के घोटाले में शामिल होने के आरोपों पर आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज करवायी थी और तत्कालीन बृहन्मुंबई नगर निगम (Brihanmumbai Municipal Corporation) प्रमुख इकबाल सिंह चहल (Iqbal Singh Chahal) ने मामले पर महाविकास अघाड़ी सरकार (Maha Vikas Aghadi Government) को एक रिपोर्ट सौंपी थी। पिछले महीने समन जारी करते हुए एक विस्तृत आदेश में अदालत ने कहा था कि संजय राउत के बयानों ने मेधा सोमैया की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है।
मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट पीआई मोकाशी (Metropolitan Magistrate PI Mokashi) ने कहा ने कहा कि “प्रथम दृष्टया रिकॉर्ड पर पेश किये गये दस्तावेजों और वीडियो क्लिप से पता चला है कि आरोपी ने 15 और 16 अप्रैल 2022 को शिकायतकर्ता के खिलाफ मान हानिकारक बयान दिये थे ताकि इसे जनता बड़े पैमाने पर देखे और अखबारों में पढ़े।”
मेधा ने अपनी शिकायत में कहा कि राउत मराठी समाचार पत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक हैं और राजनीतिक दल शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता भी हैं। मेधा ने राऊत पर आरोप लगाया कि 15 अप्रैल और उसके बाद उन्होनें उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण और बेबुनियादी बयान दिये और इसे इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के जरिये आम जनता तक पहुँचाया गया।
कोर्ट में मेधा के वकील ने राउत के दिये गये वीडियो क्लिप और बयान पेश किये। अखबार की कटिंग की कॉपी भी कोर्ट में पेश की गयी। मेधा ने अदालत से ये निर्देश देने की भी मांग की थी कि राउत को मुख्यमंत्री राहत कोष या किसी अन्य कोष में 100 करोड़ रूपये जमा करने के लिये कहा जाये, जिसे भी अदालत ने सही समझती हो। इसके साथ आर्टिकल को वापस ले जाये। इसके लिये शिवसेना अपने मुखपत्र सामना में मामले पर माफी मांगते हुए पहले पन्ने पर बिना शर्त माफीमाना छापे।