न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra) के महासचिव चंपत राय ने आज (18 सितंबर 2021) अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में उपयोग के लिए सात महाद्वीपों के 115 देशों की पवित्र धाराओं, नदियों और समुद्रों से जल प्राप्त किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि जल मुसलमानों, बौद्धों, सिखों, यहूदियों और हिंदुओं समेत सभी धर्मों के लोगों द्वारा एकत्र किया गया था।
राजनाथ सिंह ने गणमान्य व्यक्तियों से बात करते हुए समूह से उन 77 देशों से पानी एकत्र करने के लिये एक अभियान शुरू करने के लिए कहा जो इस मुहिम में शामिल नहीं हो पाये है। उन्होनें कहा कि -सात महाद्वीपों से जल एकत्र किया गया है और 192 देशों में से 115 देशों से पवित्र जल एकत्र किया गया है। मुझे यकीन है कि जब तक मंदिर का निर्माण होगा, तब तक इस जल संग्रह आंदोलन से बाकी बचे 77 देशों को भी शामिल कर लिया जायेगा।
राजनाथ सिंह ने दुनिया को एक परिवार मानने वाले राष्ट्र होने के लिये भारत की प्रशंसा की। राजनाथ सिंह ने कहा कि, “जब अयोध्या के मंदिर की बात आयी तो हमने हिंसा का सहारा नहीं लिया, लेकिन शांतिपूर्ण ढंग से हल होने का इंतजार किया। हम जाति और पंथ (Caste And Creed) के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं।”
राम मंदिर के लिये दुनिया भर से पानी इकट्ठा करने और सभी धर्मों के लोगों को शामिल करने का अभियान दिल्ली स्टडी ग्रुप के अध्यक्ष विजय जॉली (Vijay Jolly) द्वारा शुरू किया गया था। फिलहाल अयोध्या राम मंदिर के लिये सात महाद्वीपों के 115 देशों से पानी एकत्र किया गया है।
आयोजन के महत्व को रेखांकित करते हुए, एसआरटीकेटी (श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र) के महासचिव चंपत राय ने कहा कि रामायण में उल्लेख है कि भगवान राम को राजा के रूप में अभिषेक करने के लिये दुनिया भर से पानी लाया गया था। इस पर उन्होनें कहा कि, “आज यहां बैठे लोग पूरी दुनिया का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। अयोध्या में एक जगह है जिसे सप्तसागर (Saptasagar) के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब भगवान राम का अभिषेक किया जाना था, तो दुनिया भर के समुद्रों से पानी वहां लाया गया था तो हमने सोचा कि क्यों न उनके जन्मस्थान पर बने मंदिर के लिये ऐसा किया जाए? हम विभिन्न देशों से रामायण पर शोध कर रहे हैं। भगवान राम पक्षपात से ऊपर हैं। ये मेरे लिए एक भावनात्मक मुद्दा है। मैं आप सभी को अयोध्या आने का निमंत्रण देता हूं।
महासचिव चंपत राय (General Secretary Champat Rai) ने आगे कहा कि, लोगों को आगे आना चाहिये और मंदिर निर्माण स्थल को देखना चाहिए। फाउंडेशन का पहला चरण पूरा हो रहा है। कई एजेंसियां इस पर काम कर रही हैं। मंदिर की नींव एक हजार साल तक मजबूती से टिकी रहेगी।
गुयाना के उच्चायुक्त चरणदास पर्सौद (High Commissioner to Guyana Charandas Persaud) ने इस आयोजन को उल्लेखनीय बताया और कहा कि “मुझे इस समूह का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला है। ये अवसर हिंदु संस्कृति के अन्यतम उत्कृष्ट उत्थान के लिये जाना जायेगा। मुझे उम्मीद है कि किसी दिन मैं अयोध्या जाऊंगा”
इस मौके पर डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वेन (Danish Ambassador Freddy Sven) ने कहा कि, वो आठ साल से भारत में रह रहे हैं और उनका मानना है कि उन्हें इस आयोजन का हिस्सा बनकर खुशी हुई।
इस अवसर पर फिजी के उच्चायुक्त कमलेश प्रकाश, गुयाना के उच्चायुक्त चरणदास पर्सौद, नाइजीरियाई उच्चायुक्त अहमद सुले (Nigerian High Commissioner Ahmed Sule) और डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वेन के साथ मॉरीशस लेबर पार्टी के प्रतिनिधि धनेश्वर और तीर्थ क्षेत्र के सदस्य अनिल मिश्रा भी मौजूद थे।