नई दिल्ली (दिगान्त बरूआ): Corona Vaccine का इंतजार अब तकरीबन खत्म होने वाला है। दुनियाभर में बन रही कई वैक्सीन अपने ट्रायल के अन्तिम दौर में पहुँच चुकी है। भारत में इस महामारी के खिलाफ स्वदेशी तकनीक (Indigenous technology) से भुवनेश्वर के अंधारुआ में वैक्सीन केन्द्र बनाने की योजना पर काम काफी जोर-शोर से शुरू हो चुका है। जिसके लिए भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड 300 करोड़ रुपये का संभावित पूंजी का निवेश करेगा। इस केन्द्र में कोरोना वैक्सीन के साथ ही 10 अलग-अलग तरह के टीके भी तैयार किये जायेगें।
चीफ़ सेक्रेट्री की अगुवाई में एक बैठक के दौरान वैक्सीन केन्द्र के निर्माण कार्य और भूमि आंबटन को हरी झंडी दे दी गयी है। इसके साथ मुख्य सचिव ने ओड़िशा में सूचना प्रौद्योगिकी गलियारे और स्टेट ऑफ द आर्ट बायोटेक इनक्यूवेशन सेन्टर (State of the art biotech incubation center) को भी स्थापित करने के निर्देश जारी कर दिये गये है। इस दौरान भारत बायोटेक को ओड़िशा प्रशासन की ओर से भविष्य में सभी तरह की सहूलियतें उपलब्ध कराने का भी आश्वासन दिया गया। ओड़िशा इण्डस्ट्रीयल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉपोर्रेशन के चेयरमेन और कार्यकारी डायरेक्टर संजय कुमार सिंह ने बायोपार्क के पास ज़मीन आबंटन और वैक्सीन केन्द्र के नक्शा अनुमोदन हो जाने के बारे में बताया।
ओड़िशा सरकार की तयशुदा योजना के साथ वैक्सीन सेन्टर के अलावा तरह-तरह के इनक्यूवेशन केंद्र में 774 स्टार्ट अप पर काम हो रहा है। इनमें से तकरीबन 75 स्टार्टअप बायोटेक और हेल्थ सैक्टर से जुड़े हुए है। जो कि भविष्य की जरूरतों के अनुरूप वैक्सीन, दवाईयां और मेडिकल इक्विपमेंट (Medical equipment) तैयार करेगें। मौजूदा हालातों में कोरोना के खिलाफ कोई भी टीका कारगर ढंग से सामने नहीं आया। जितने टीकों के इस्तेमाल की बातें सामने आ रही है। उनमें कहीं ना कहीं कोई विवाद, अपवाद या कयास जुड़ा हुआ है। भारत बॉयोटैक का टीम संभावित रूप से फरवरी तक हासिल हो जायेगा। जिसके लिए ओड़िशा सरकार ने बुनियादी ढांचे को मंजूरी दे दी है। इडको (Odisha Industrial Infrastructure Development Corporation) द्वारा भारत बॉयोटैक की वैक्सीन केन्द्र बनाने में की गयी मदद दूरगामी और प्रभावी नतीज़े देगी।