न्यूज़ डेस्क (शौर्य यादव): चीनी फर्मों (Chinese Firms) द्वारा संचालित किये जा रहे, 59 मोबाइल्स ऐप पर भारत सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने का स्वागत रिपब्लिकन नेता निक्की हेली (Republican leader Nikki Haley) ने किया। इस दौरान निक्की हेली ने कहा- भारत ने चीन के सामने अपना रूख़ साफ कर दिया है। चीनी आक्रामकता (Chinese aggression) के आगे वो झुकने वाला नहीं है।
जिस तरह से मोदी सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया, उसे लागू होते देखना एकदम बेहतरीन अनुभव है। प्रतिबंधित मोबाइल ऐप में टिकटॉक खासतौर से शामिल है। भारत तेज रफ्तार से विकसित अर्थव्यवस्था बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है। भारत ने ये कदम उठाकर सबित कर दिया है कि, चीनी विस्तारवाद (Chinese expansionism) स्वीकारने के पक्ष में नहीं है।
इसके साथ ही निक्की हेली के इस बयान से पहले ही अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (US Secretary of State Mike Pompeo) ने भारत सरकार की इस पहल को काफी सराहा था। दूसरी ओर मौजूदा गतिरोध को देखते हुए व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कायले मैकनी (White House Press Secretary Kayle McNee) ने मीडिया से कहा कि- चीन जिस तरह की हरकतें एलओसी पर भारत के साथ और सीमा से लगे अन्य देशों के साथ कर रहा। उस पर अमेरिका नज़रे बनायें हुए है।
इन हरकतों ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party) को बेनकाब कर दिया है। अमेरिकी प्रशासन और राष्ट्रपति ट्रम्प दक्षिण एशिया में बन रहे गतिरोध पर काफी करीब से नज़रे बनाये हुए है। गतिरोध के शंतिपूर्ण समाधानों पर चर्चा की जा रही है।
रिपब्लिकन की सीनेटर जॉन कॉर्निन (Senator john cornyn) और रिक क्रोफोर्ड (MP Rick Crawford) ने भी भारत सरकार की फैसले का स्वागत करते हुए सीसीपी की हरकतों का पुरजोर विरोध किया। इसके साथ अमेरिका चीन से हांगकांग के मसले पर खासा नाराज़ चल रहा है। वाशिंगटन के मुताबिक अगर चीन ने हांगकांग की आव़ाज दबाने की कोशिश तो इस गंभीर नतीज़े होगें।
अमेरिका अब चीन के साथ होने वाली प्रोद्यौगिकी साझेदारी और दोहरे रक्षा समझौतों की पुर्नसमीक्षा (Re-review) करने का विचार बना रहा है। हांगकांग में चीन द्वारा लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन, उईगर मुसलमानों पर प्रताड़ना (Harassment of Uygar Muslims) और ताइवान की संप्रभुता की रक्षा करने जैसे विषयों को लेकर अमेरिका की रक्षा मामलों की उच्च समिति (US High Committee on Defense Affairs) उत्तरी अटलांटिक देशों के सम्पर्क में है।
इसके साथ आगामी रणनीति बनाने के लिए अमेरिकी हुक्मरान अन्दरखाने भारत, फ्रांस, आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के साथ रणनीतिक चर्चा (Strategic discussion) में लगा हुआ है। फिलहाल भारत सरकार खुलकर चीन की आलोचना करने से बच रही है। बावजूद इसके पीएम नरेन्द्र मोदी ने चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो (Chinese social media platform Weibo) को अलविदा कह दिया है।
अकाउंट डिएक्टिवेट (Account deactivate) करने के साथ हैंडल से सभी पोस्ट, फोटो, वीडियों और कमेंट्स भी हटा लिये गये है। पीएम मोदी का इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म साल 2015 के दौरान अकाउंट बनाया गया था। इस प्लेटफॉर्म पर पीएम मोदी के 2 लाख 44 हज़ार फॉलोअर्स थे। जिनमें से ज़्यादातर चीनी मूल के लोग थे। इस मीडिया प्लेटफॉर्म पर मैंडरिन (Mandarin) भाषा का इस्तेमाल किया जाता था।