न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों (West Bengal Assembly Election) से ठीक पहले राज्य भाजपा की इकाइयों के बीच फूट और अंदरूनी तकरार खुलकर सामने आ गयी। कोलकाता के हेस्टिंग्स में बने बीजेपी ऑफिस पर कई पार्टी कार्यकर्ताओं ने उम्मीदवारों को बदलने की मांग की। पार्टी कार्यालय के बाहर स्थानीय कार्यकर्ता और उनके समर्थक हाथों में पार्टी के झंडे लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन लोगों का मानना है कि पार्टी आलाकमान ने टिकट बंटवारे में दूसरों दलों से आये लोगों को वरीयता दी। जिससे पार्टी के स्थानीय कैडर (Local cadre) की अनदेखी हुई है। इससे कार्यकर्ताओं में खासा नाराजगी का माहौल है।
गौरतलब है कि कोलकाता पोर्ट विधानसभा सीट से अवध किशोर गुप्ता को चुनावी मैदान में उतारा गया है। उनके सामने तृणमूल कांग्रेस के चुनावी उम्मीदवार फिरहाद हाकिम है। दोनों के बीच कड़ी चुनावी टक्कर है। प्रदर्शन कर रहे पार्टी वर्करों के मुताबिक अवध किशोर कभी भी कोलकाता पोर्ट विधानसभा (Kolkata Port Assembly) में किसी भी पार्टी कार्यक्रम, जुलूस, बैठक और प्रदर्शन में शामिल नहीं रहे हैं। कोई उनका नाम तक नहीं जानता तो ऐसे में उन्हें टिकट देने का क्या मतलब है? अगर उन्हें नहीं बदला गया तो पार्टी कार्यकर्ता और भाजपा की स्थानीय इकाइयों से जुड़े समर्थक इस बात का पुरजोर विरोध करेंगे।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी ने ज्यादातर दूसरे राजनीतिक दलों से आये प्रत्याशियों पर बड़ा दांव खेला है। प्रदेश में भाजपा के पास कोई भी स्थापित चेहरा नहीं है। जिसके दम पर चुनावी मैदान में उतर आ जाये। बाहरी लोगों को चुनावी टिकट देने के कारण पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी का माहौल है। उनका मानना है कि पार्टी ऐसा करके उनके सीधे तौर पर अनदेखी कर रही है। भाजपा आलाकमान ने बीते 18 मार्च को 157 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान किया। तीसरे फेज के तहत जिन उम्मीदवारों का ऐलान दिल्ली से किया गया था। उस लिस्ट का खुलासा होते ही पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं का एक बड़ा वर्ग सड़क पर आकर विरोध प्रदर्शन करने लगा। उनकी मांग है कि उम्मीदवारों को बदला जाये साथ ही स्थानीय कार्यकर्ताओं को टिकट देने में प्राथमिकता दी जाये।