न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Assembly) में हिंसक हंगामे के बाद,जहां 28 मार्च को सत्तारूढ़ और विपक्षी गठबंधन के विधायक विधानसभा के अंदर भिड़ गये, फिलहाल के ताजा घटनाक्रम में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) को सदन के शेष सत्र से निलंबित कर दिया गया है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने बीते शुक्रवार (1 अप्रैल 2022) को उनके और भाजपा के चार अन्य विधायकों के पश्चिम बंगाल विधानसभा से निलंबन को लेकर तृणमूल कांग्रेस सरकार (Trinamool Congress government) की आलोचना की और कहा कि सूबे में ‘आपातकाल जैसा माहौल’ है।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) “डर मनोविकृति” में थीं क्योंकि वो पहली बार लगातार आंदोलन और समानांतर प्रतिरोध (Parallel Resistance) का सामना कर रही थीं। उन्होंने ये भी कहा कि विपक्ष की आवाज दबायी जा रही है।
अधिकारी ने अपने ट्वीट में कहा कि, “पश्चिम बंगाल में आपातकाल जैसा माहौल है। मुख्यमंत्री डरी हुई हैं क्योंकि उन्हें पहली बार लगातार और लगातार समानांतर प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है।”
उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा सचिवालय (West Bengal Assembly Secretariat) से हासिल किया एक खत अटैच किया, जिसमें कहा गया था कि उन्हें 28 मार्च से विधानसभा के शेष सत्र तक निलंबित कर दिया गया है, जो कि 7 मार्च को शुरू हुआ था।
सचिव द्वारा भेजे गये खत में कहा गया कि, “मुझे ये कहने का निर्देश दिया गया है कि 28 मार्च को सदन द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव पर आपको 7 मार्च 2022 को शुरू हुए शेष सत्र के लिये राज्य विधानसभा की सदन की सेवा से निलंबित कर दिया गया है।”
बता दे कि बीरभूम हिंसा को लेकर सदन के पटल पर टीएमसी विधायकों (TMC MLAs) के साथ झड़प के बाद अधिकारी और भाजपा के चार अन्य विधायकों को पश्चिम बंगाल विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। पश्चिम बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट इलाके (Birbhum’s Rampurhat area) में पिछले हफ्ते तृणमूल कांग्रेस नेता भादु शेख (Trinamool Congress leader Bhadu Sheikh) की हत्या के बाद भीड़ द्वारा घरों में आग लगाने के बाद आठ लोगों की मौत हो गयी थी। फिलहाल मामले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रहा है।