न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): Winter Session Parliament: विपक्षी नेताओं के हंगामे के बावजूद तीन विवादास्पद कृषि कानूनों (Three controversial agricultural laws) को निरस्त करने का विधेयक आज (29 नवंबर 2021) पेश होने के कुछ ही मिनटों के भीतर लोकसभा में पारित कर दिया गया। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन दोपहर के तुरंत बाद कृषि कानून निरसन विधेयक, 2021 पेश किया था।
विपक्ष ने विधेयक पर बहस की मांग की और बैनर लिये हुए नारे लगाते हुए सदन के वेल में आ गये। स्पीकर ओम बिरला (Speaker Om Birla) ने कहा कि वो बहस के लिये तैयार हैं, बशर्ते सदन में आदेश हो। जैसे ही विपक्ष ने विरोध जारी रखा, अध्यक्ष ने ध्वनि मत के बाद विधेयक को पारित करने की घोषणा की।
इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही (Proceedings Of The House) दोपहर दो बजे तक के लिये स्थगित कर दी। इस महीने की शुरुआत में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम एक संबोधन में ऐलान किया था कि कानूनों को निरस्त कर दिया जायेगा। विभिन्न किसान समूह (Farmer Group) एक साल से अधिक समय से कानूनों का विरोध कर रहे हैं और इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान कई किसानों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी थी।
इस मौके पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि- MSP लीगल गारंटी (MSP Legal Guarantee) के साथ लागू की जाए। 35,000 किसानों को झूठे केसों में फसाया गया उन्हें मुक्त कराने की मांग और आंदोलन के दौरान मृतक 700 किसानों को मुआवज़ा देने की मांग पर सदन में चर्चा के लिए मौका दिया जाना चाहिए था, लेकिन हमें सदन में बोलने नहीं दिया गया।
सदन की मौजूदा कार्यवाही पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि, आज जब कृषि क़ानून निरसन विधेयक, 2021 लोकसभा में पेश किया गया तो कांग्रेस और उनके मित्र विपक्ष के सांसदों ने नारेबाजी की। विपक्ष की भी कृषि क़ानूनों को रद्द करने की मांग थी, जो पूरी हो रही है। इन लोगों की मंशा क्या है मैं ये सवाल करता हूं कि मैं विपक्ष से अनुरोध करता हूं कि आज जब इस विधेयक को राज्यसभा में लाया जाए तब सहयोग करें।
इस मामले पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि- जिन 700 किसानों की मृत्यु हुई उनको ही इस बिल के वापस होने का श्रेय जाता है। MSP भी एक बीमारी है। सरकार व्यापारियों को फसलों की लूट की छूट देना चाहती है। आंदोलन जारी रहेगा।