नई दिल्ली (शौर्य यादव): कुछ बीमारियां अभी भी मानव जगत के लिए अबूझ पहेलियां है। कैंसर, एड्स (Aids), अस्थमा, मल्टीप्ल पॉली सिस्ट और ट्रॉयोजॉमी-21, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (Muscular dystrophy) और थैलीसीमिया। इनमें से कुछ अनुवांशिक होती है, और कुछ बाहरी दुनिया से इंसानों को मिलती है। साल 1991 से ही देशभर में एचआईवी एड्स संक्रमण को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। देश भर में इसकी कमान नाको के हाथों में है। फिलहाल इस बीमारी का जागरूकता ही इलाज है, लेकिन मेडिकल और विज्ञान जगत में एक नयी तकनीक ऐसी बीमारियों के लिए रामबाण इलाज बन कर आ रही है। जिससे एड्स और कैंसर जैसी घातक बीमारियों नामोनिशान मिटाया जा सकता है।
इस नयी तकनीक का नाम है CRISPR-Cas9. साधारण शब्दों में समझा जाये तो जिस तरह फोटो, ऑडियो और वीडियो एडिटिंग की जाती है। ठीक उसी तर्ज पर इस मेडिकल तकनीक की मदद से मानव की आधारिक संरचना डीएनए की कुंडलीकृत आकृति में एडिटिंग की जा सकती है। जिससे मानवीय प्रतिरक्षा प्रणाली की उस स्तर पर ले जाया सकता है, जिससे इंसानी शरीर किसी भी संक्रमण से लड़ने के काबिल हो सकेगा। CRISPR-Cas9 एक खास किस्म का एंजाइम है। जिससे डीएनए की कुंडलीकृत संरचना (Helical structure of DNA) को काटकर उसमें जरूरी फेरबदलाव किये जा सकते है।
एड्स का वायरस मानवीय प्रतिरक्षा प्रणाली के सबसे ताकतवर सिपाही टी-कोशिकाओं (T-Cells) पर हमला करके उन्हें कम करता है। CRISPR-Cas9 एंजाइम कैंची की मदद टी-सेल्स को मजबूत किया जा सकना संभव होगा। कुछ इसी तर्ज पर तकरीबन कैलिफ़ोर्निया में पहली बार करीब 80 मरीजों की शरीर से HIV हमले का खात्मा किया गया था। जिसके लिए Zinc-finger nucleases तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। जबकि CRISPR-Cas9 तकनीक Zinc-finger nucleases काफी एडवांस है।
चीन में इस तकनीक के प्रयोग से एक बच्चे को HIV से पूरी ठीक किया गया। अब उस बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली उस स्तर पर पहुँच गयी है। जिससे अब बच्चों को किसी भी दशा में HIV-AIDS का संक्रमण नहीं हो सकता है। साथ उसके आने वाली नस्लों वंश में संभावित रूप से ये खूबी बनी रहेगी। इसके साथ ही Zinc-finger nucleases और स्टैम सेल थेरेपी (Stam cell therapy) से भी उम्मीद की किरणों आती दिख रही है लेकिन इसमें अभी समय लगेगा। प्रयोग और शोध अभी सीमित देशों में और सीमित दायरे में हो रहा है। आशा है कि जल्द ही ये आम आदमी की उपलब्ध हो पायेगी। लेकिन क्रिप्सार-कैस 9 तकनीक के साथ कुछ नैतिक और मानवीय पक्ष जुड़े हुए है, जो कि विमर्श का मुद्दा है।