न्यूज़ डेस्क (यर्चिता गोस्वामी): क्या आपकी Maths बेहद कमजोर है? क्या Formula Derivation आपके होश उड़ा देता है? Trigonometry, calculus, Statics और Algebra के सवाल देख कर आपके दिमाग के fuse उड़ जाते हैं तो ऐसे में आप मां नामगिरि की आराधना करें। देवी का सिद्ध स्थल तमिलनाडु के नामक्कल में स्थित है। प्रसिद्ध गणितज्ञ रामानुजन अक्सर इस बात का जिक्र किया करते थे कि- देवी नामगिरि ही गणित से जुड़े कई गूढ़ रहस्य और सूत्र बताया करती थी। देवी की ही कृपा से रामानुजन ने Integral Number, infinite series, continued fraction, divergent series, composite number और Mock theta Function से जुड़े सिद्धांत दुनिया के समक्ष रखें। रामानुजन ने अपने पूरे जीवन काल के दौरान लिखी तकरीबन 3900 थ्योरम मां के चरणों में अर्पित की।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवी नामगिरि मां लक्ष्मी का ही स्वरूप है। भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह की आदिशक्ति के स्वरूप में देवी नामगिरि की उत्पत्ति हुई। तमिलनाडु के ईरोड और कुंभकोणम के बीच नामक्कल स्थान पर मां की अद्वितीय प्रतिमा विराजमान है।
देवी नामगिरि के मंत्र जाप का महत्व
मंत्र जाप से छात्रों की गणना और विश्लेषणात्मक कौशल बेहतर होता है। जो विद्यार्थी गणित में कमजोर हैं, वे इस मंत्र का अत्यंत भक्ति के साथ जप करके लाभ उठा सकते हैं।
देवी नामगिरि के मंत्र जाप का विधान
यदि आप दैनिक रूप से मंत्र का जाप करने में असमर्थ हैं तो आप मंगलवार और शुक्रवार को इसका जाप कर सकते हैं। इसके अलावा, तृतीया तिथि और पूर्णिमा का दिन देवी नामगिरी लक्ष्मी की पूजा करने के लिए शुभ दिन माना जाता है। मंत्र शुरू करने के लिए सबसे अच्छा दिन शुक्ल पक्ष के शुक्रवार या पूर्णिमा का दिन होता हैं।
मंत्र जाप करने का सही समय
मंत्र का जाप करने का सबसे अच्छा समय प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त और शाम को सूर्यास्त के दौरान होता है। हालांकि आप संध्या काल के दौरान भी आप इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। मंत्र का जाप प्रातःकाल 12 बार और सायंकाल 12 बार करना चाहिए। किसी भी आयु और लिंग का व्यक्ति मंत्र का जाप कर सकता है।
किशोर लड़कियों को अपने मासिक धर्म चक्र के दौरान इस मंत्र का जाप करने से बचना चाहिए।
मंत्र जाप के लिये स्थान और पूजा विधि
मां नामगिरि की प्रतिमा या उनकी छवि पीला कपड़ा बिछाकर चौकी पर स्थापित करें। पूर्व दिशा की ओर मुंह करके मंत्र का जाप करें या फिर पूजा कक्ष के उत्तरपूर्वी भाग में भी बैठा जा सकता है। आप अपने स्टडी डेस्क पर बैठे हुए भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
मंत्र जाप के दौरान प्रसाद और नैवेद्यम
मीठे पीले चावल, पारंपरिक मिठाई के साथ गुड़ और शुद्ध गाय का दूध भी नैवेद्य के रूप में चढ़ाया जा सकता है। सेब, केला, किशमिश, अंगूर, अमरूद, आम, नींबू, संतरा, अनार, जैसे बीजों वाले फल देवी नामगिरी लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय हैं। इसके अलावा मुट्ठीभर या एक छोटा टुकड़ा गुड़ या सेंधा चीनी भी देवी नमगिरी लक्ष्मी को नैवेद्य के रूप में चढ़ाया जा सकता है।
मंत्र
श्री विद्या मन्त्रा रत्ना प्रकदिथा विभवा
श्री सुबला पूर्ना कामा सर्वेसा पिरार्थ्थिथा
सकला सूरनुथा सर्वा साम्राज्या धात्रि
लक्श्मि श्री वेदा गर्भा विथुरथु मथिसा
विश्वा कल्यानभूमा
विश्वा क्शेमात्मा
योगा विमला गुनवथि
विश्नु वक्शस्तलस्था