Wrestler Protest: साक्षी मलिक लौटी रेलवे की नौकरी पर, कहा जारी रहेगा आंदोलन

नई दिल्ली (विश्वरूप प्रियदर्शी): Wrestler Protest: साक्षी मलिक ने आज (5 जून 2023) डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ चल रहे पहलवानों के विरोध से हटने का दावा करने वाली मीडिया रिपोर्टों का जवाब दिया और साफ किया कि ‘इंसाफ के लिये लड़ाई’ जारी रहेगी। मलिक ने ये भी साफ किया कि वो विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लेना जारी रखेंगी और साथ हा उन खबरों को खारिज कर दिया कि वो डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रहे विरोध से पीछे हट गयी हैं।

ट्विटर पर अपना पक्ष रखते हुए साक्षी मालिक (Sakshi Malik) ने कहा कि-  “ये खबर पूरी तरह से गलत है। इंसाफ की लड़ाई में हममें से कोई भी पीछे नहीं हटा है और ना ही हम इस मुहिम से पीछे हटेगें। मैं सत्याग्रह के साथ-साथ रेलवे में अपनी ड्यूटी भी निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। कृपया कोई गलत खबर न फैलायें।”

इसी मुद्दे पर पहलवान बजरंग पुनिया (Wrestler Bajrang Punia) ने इन खबरों को झूठा बताया और ट्विटकर लिखा कि-“आंदोलन वापस लेने की खबर महज अफवाह है। ये खबरें हमें नुकसान पहुंचाने के लिये फैलाई जा रही हैं। हम न तो पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापस लिया है। महिला पहलवानों की ओर से एफआईआर दर्ज कराने की खबर भी झूठी है। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी।”

https://twitter.com/BajrangPunia/status/1665648629732737025?

पहलवान और साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि “ये फर्जी खबर है, हम विरोध से पीछे नहीं हटे हैं। हमारा विरोध जारी रहेगा।”

बता दे कि देश के कई नामचीन पहलवान डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण सिंह के इस्तीफे की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में एक महीने से ज्यादा समय से उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी पहलवानों ने सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप भी लगाये हैं। मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गयी है और पुलिस अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली पुलिस की ओर से जल्द ही इस मामले में चार्जशीट दाखिल किये जाने की उम्मीद है।

इससे पहले खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से निष्पक्ष जांच में पूरा सहयोग करने और कानून को अपना काम करने देने का आग्रह किया था।

बता दे कि नई संसद के उद्घाटन की पूर्व संध्या पर 27 मई को विरोध करने वाले पहलवानों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच अंतिम उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। जैसा कि तय था, ये बातचीत बेनतीज़ा रही। पहलवानों ने अपने समर्थकों के साथ नई संसद तक मार्च निकालने की अपनी योजना के साथ आगे बढ़े। उन्हें रास्ते में रोक लिया गया, दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने उनके साथ मारपीट की और उन्हें हिरासत में ले लिया। पुलिस ने प्रदर्शनकारी पहलवानों के खिलाफ दंगा भड़काने समेत कई धाराओं के तहत एफआईआर भी दर्ज की।

पहलवानों के साथ दिल्ली पुलिस के किये गये गलत बर्ताव के जवाब में अंतरराष्ट्रीय खेल निकायों और एथलीटों ने जमकर निंदा की। इसी क्रम में पहलवानों ने पिछले मंगलवार (30 मई 2023) को अपने मेडल गंगा में विसर्जित करने का फैसला किया। वो हरिद्वार (Haridwar) गये लेकिन आखिरी वक्त इस पर दुबारा सोच विचार किया। सामने आ रहा है कि मेडल विसर्जित किये जाने से पहले हरिद्वार पहुँचे पहलवानों के पास एक भाजपा नेता का फोन आया, जिसने मामले पर सोच विचार करने के लिये कुछ वक्त मांगा।

हरिद्वार पहुंचे भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष नरेश टिकैत (Naresh Tikait) ने पहलवानों से अपना फैसला पांच दिन के लिये टालने को कहा। इसी क्रम में बीते 2 जून को बृजभूषण शरण सिंह की अयोध्या में होने वाली रैली पर अयोध्या (Ayodhya) प्रशासन ने धारा 144 का हवाला देते हुए रोक दी। बृजभूषण शरण सिंह अयोध्या में संत समाज को अपने पक्ष में लामबंद करने में लगातार लगे हुए है। जिसके बाद टिकैत ने खाप पंचायत (Khap Panchayat) में कहा कि सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मोदी सरकार को 7 से 10 दिन दिये जाने चाहिये।

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