नई दिल्ली (अमित त्यागी): Wrestlers’ Sexual Harassment: सात महिला पहलवानों ने उत्तर प्रदेश के कैसरगंज (Kaiserganj in Uttar Pradesh) से भाजपा सांसद बृजभूषण (BJP MP Brij Bhushan) के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप में एफआईआर दर्ज करने के लिये शीर्ष अदालत में याचिका दायर की। शीर्ष अदालत ने ऐसा किया और दिल्ली पुलिस को मामले में नोटिस भी जारी कर दिया। देश के दिग्गज पहलवान बजरंग पुनिया (Wrestler Bajrang Punia) ने आरोप लगाया कि अगर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर लगाये गये आरोप झूठे पाये जाते हैं तो वो किसी भी तरह की सजा भुगतने को तैयार हैं।
प्रदर्शनकारी पहलवान महिला पहलवानों से किये गये यौन उत्पीड़न के दावों की वज़ह से पहलवान बृजभूषण को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। कुश्ती महासंघ (Wrestling Federation) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से सच्चाई की उम्मीद थी क्योंकि कानून से ऊपर कोई नहीं है। इंसाफ मिलने का हालातों में पुनिया और दूसरे पहलवान धरना स्थल छोड़ने के लिये तैयार हैं।
पुनिया ने दावा करना जारी रखा और कहा कि अगर बृजभूषण सिंह का ट्रायल किया गया तो और नाम सामने भी आएंगे। हम पता लगा है कि पीड़ितों को धमकी और रिश्वत भी दी जा रही है।
बजरंग पुनिया ने आगे कहा कि- “पीड़ितों को धमकाया जा रहा है और वो पीड़ितों को रिश्वत देने की कोशिश कर रहे हैं, निर्दोष शख़्स इस तरह की हरकतों का सहारा नहीं लेता है। हम निर्दोष लोग हैं। हम यहां पूरे दिन बैठे रहते हैं, हम किसी को मनाने कहीं नहीं जा रहे हैं।”
पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख पर यौन उत्पीड़न और अन्य आरोप लगाये हैं। शिकायतकर्ताओं ने साल 2012 और 2022 के बीच हुई घटनाओं का हवाला देते हुए दावा किया कि उनमें से कुछ यौन उत्पीड़न की घटनायें नई दिल्ली में बृज भूषण के आधिकारिक सांसद आवास पर, घरेलू और विदेश दोनों प्रतियोगिताओं के दौरान हुईं।
बीते मंगलवार (25 अप्रैल 2023) को सुप्रीम कोर्ट में ये बात रखी गयी कि पीड़ितों में से एक नाबालिग है। पहलवानों ने अपनी पुलिस शिकायत में ब्रज भूषण पर उन्हें आपराधिक रूप से धमकाने का भी आरोप लगाया।
इस तथ्य के कारण कि शिकायतकर्ताओं में से एक नाबालिग है, प्रदर्शनकारी पहलवान मांग कर रहे हैं कि उनकी पुलिस शिकायत के आधार पर बृज भूषण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाये और उन्हें POCSO अधिनियम के तहत हिरासत में लिया जाये। इसके अलावा उन्होंने गुज़ारिश की है कि WFI को भंग कर दिया जाये और उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया जाये।
सरकार ने पहलवानों को अपना विरोध खत्म करने के लिये समझाने के प्रयास में बृज भूषण के खिलाफ आरोपों की जांच करने और डब्ल्यूएफआई के दिन-प्रतिदिन के कामकाज की देखरेख के लिये जनवरी में निरीक्षण समिति बनायी थी। बॉक्सिंग चैंपियन एमसी मैरीकॉम (Boxing Champion MC Mary Kom) की अगुवाई वाली छह सदस्यीय समिति के पास अपनी सिफारिशें देने के लिये चार हफ्तों का वक्त था। लेकिन इसने अप्रैल के पहले हफ्ते तक अपनी रिपोर्ट नहीं दी। इसके बाद कमेटी भंग हो गयी।
नये हो रहे प्रदर्शनों के बाद सरकार ने फैसला सुनाया कि WFI चुनाव जो कि 7 मई को होने वाले थे, अवैध होगें। इसके अलावा IOA को एक तदर्थ पैनल बनाने का निर्देश दिया गया, जो कि 45 दिनों के भीतर चुनावों की अध्यक्षता करेगा साथ ही WFI के रोजाना के कामकाज की देखरेख करेगा जब तक कि नवनिर्वाचित अधिकारी पदभार ग्रहण नहीं कर लेते।
बता दे कि मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार 28 अप्रैल को करेगा। पहलवानों के मुताबिक जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, वो धरना-प्रदर्शन करते रहेंगे।