एजेंसियां/न्यूज डेस्क (अमित त्यागी): यमन (Yemen) की राजधानी में बुधवार (19 अप्रैल 2023) देर रात वित्तीय मदद (ज़कात) बांटने के लिये आयोजित किये गये कार्यक्रम में भगदड़ मचने से कम से कम 78 लोग मारे गये और दर्जनों अन्य घायल हो गये। हूती गुट की ओर से चलाये जा रहे आंतरिक मंत्रालय के मुताबिक राजधानी सना (Capital Sanaa) के केंद्र में ओल्ड सिटी में ये हादसा तब हुआ जब कुछ स्थानीय कारोबारी रमज़ान के मद्देनज़र बड़े पैमाने पर ज़कात कार्यक्रम कर रहे थे, जहां सैकड़ों गरीब लोग इकट्ठा हुए थे।
मंत्रालय के प्रवक्ता ब्रिगेडियर अब्देल-खलीक अल-अघरी (Brigadier Abdel-Khaliq Al-Aghri) ने स्थानीय अधिकारियों के साथ कोर्डिनेशन की कमी को इसके लिये जिम्मेदार ठहराया। मौके पर गरीब लोगों के बीच पैसा बांटा जा रहा है। दर्जनों हताहतों को नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया। हौथी के अल-मसीरा सैटेलाइट टीवी चैनल (Al-Masira Satellite TV Channel) के मुताबिक सना में एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी मोताहेर अल-मरौनी ने मौतों के आंकड़ों का खुलासा करते हुए कहा कि घटना में कम से कम 13 लोग गंभीर तौर पर घायल हुए हैं।
हूती विद्रोहियों (Houthi Rebels) ने उस स्कूल को तुरंत सील कर दिया जहां कार्यक्रम आयोजित किया गया था। साथ ही पत्रकारों समेत लोगों के घटनास्थल पर आने से रोक लगा दी। चश्मदीदों में शामिल अब्देल-रहमान अहमद और याहिया मोहसिन ने कहा कि भीड़ को काबू करने के लिये हथियारबंद हूती विद्रोहियों ने हवा में गोली चलाई, जाहिर तौर पर गोली बिजली के तार से टकरा गयी और उसमें धमाका हो गया। उन्होंने कहा कि इससे दहशत फैल गयी और लोगों में भगदड़ मच गयी।
आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि उसने दो आयोजकों को हिरासत में लिया गया और मामले की छानबीन शुरू कर दी गयी। यमन की राजधानी को ईरानी समर्थित हूतियों द्वारा नियंत्रित किया जाता है क्योंकि वो साल 2014 में अपने उत्तरी गढ़ से इसे कब्जायें हुए है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंका था।
हूतियों के इस कदम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को बहाल करने की कोशिश करने के लिये साल 2015 में सऊदी की अगुवाई वाले सैन्य गठबंधन को इस इलाके में दखल देने के लिये मजबूर कर दिया था।
मौजूदा सैन्य संघर्ष हाल के सालों में सऊदी अरब और ईरान (Saudi Arabia and Iran) के बीच छद्म युद्ध में बदल गया। इस जंग में सेनानियों और नागरिकों समेत 150,000 से ज्यादा लोग मार अब तक मारे जा चुके है। ऐसे में इन हालातों ने यमन पर दुनिया की सबसे खराब मानवीय आपदाओं का कहर बरपा दिया।