नोएडा (ब्यूरो. क.): लखनऊ के चौक चौराहे पर लगे पोस्टर (Posters) और होर्डिंग से उन लोगों में खौफ का माहौल है, जिन्होंने सीएए (CAA) के विरोध में प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था। लगाया गये पोस्टरों और होर्डिंग्स (Hoardings) में लोगों की तस्वीर सहित नाम और पता साफ-साफ लिखा हुआ है। उत्तर प्रदेश प्रशासन (Uttar Pradesh Administration) के सूत्रों के हवाले से खबर सामने आ रही है- पिछले साल दिसंबर महीने में लखनऊ में हुए सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों में सरकारी संपत्ति (Government property) को भारी नुकसान हुआ था। जिसकी भरपाई के लिए ये कवायद शुरू की गयी है। पोस्टर में जिन लोगों के नाम सामने आए हैं उनसे जुर्माना वसूला जाएगा। जुर्माना (Penalty) न भरने के हालात में संपत्ति कुर्क (Property Seize) करने तक के प्रावधान सुनिश्चित किये गये है।
धरना-प्रदर्शन के दौरान गिरफ्त में लिये गये रंगकर्मी दीपक कबीर (Theatre Artist, Deepak Kabir) को वीडियो सामने आ रहा है। जो प्रदेश सरकार पर काफी गंभीर आरोप (Serious charges) लगा रहे है। उनके मुताबिक सरकार लोगों पर गैर-वाज़िब (Non rational) ढ़ंग से दबाव बनाने के लिए ये सब कर रही है। ताकि लोकतान्त्रिक ढ़ंग (Democratic system) से प्रदर्शन करने वाले लोगों के दिल में डर पैदा किया जा सके।
होर्डिंग में जिन लोगों के नाम है, उनमें से ज़्यादातर अभी जमानत (Bail) पर चल रहे है। सत्र न्यायालय (Session court) ने जमानत देते हुए माना था कि, इन लोगों के खिल़ाफ अभी पुख़्ता सबूत (Strong evidence) नहीं है। यहीं आधार जमानत का कारण बना है। धरना करने वाले लोगों पर आईपीसी (IPC) के तहत हिंसा, बलवा, कानून-व्यवस्था भंग (Breach of law and order) करने सहित हत्या करने की धारायें लगायी गयी थी।
Image Courtesy- Omar Rashid