नई दिल्ली (दिगान्त बरूआ): कोरोना संक्रमण (Corona infection) के कारण उत्तर प्रदेश में श्रमिकों और कामगारों के लिए बड़ा संकट खड़ा हो गया है। लॉकडाउन (Lockdown) के कारण देश भर की आर्थिक रफ्तार सुस्त हुई है, जिसके कारण बहुत से प्रवासी मजदूर पलायन कर वापस अपने घर लौट आए हैं। ऐसे में उनके सामने रोजी-रोटी कमाने और जीवन यापन करने की बड़ी चुनौती है। इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने औद्योगिक विकास एवं एमएसएमई विभाग (Department of Industrial Development and MSME) के अधिकारियों से उच्च स्तरीय बैठक (High level meeting) की। बैठक का मुख्य एजेंडा मौजूदा हालातों की समीक्षा करते हुए, रोजगार की संभावनाएं तलाशना था। इसके लिए उत्तर प्रदेश प्रशासन को मुख्यमंत्री की ओर से मोबाइल ऐप तैयार करने के आदेश मिले हैं। मोबाइल ऐप पर स्किल्ड, अनस्किल्ड और सेमी स्किल्ड मजदूरों का डाटा (Semi-skilled workers data) अपलोड किया जाएगा। एकत्र किए गए डाटा को औद्योगिक संगठनों (Industrial organizations) और मानव संसाधन उपलब्ध कराने वाली संस्थाओं से साझा किया जाएगा।
आवश्यकता पड़ने पर ये संगठन/संस्थान मजदूरों को रोजगार का अवसर उपलब्ध करवा सकेंगे। प्रदेश के मेहनतकश मानव संसाधन को पर्याप्त सम्मान देते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रवासी मजदूरों की सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा (Socio-economic security) सुनिश्चित करने के लिए, बीमा कवर देने के अतिरिक्त प्रावधान लागू करने की बात कही। फिलहाल सूबे के अधिकारी स्पेशल इकोनामिक जोन (Special Economic Zone), अतिरिक्त विदेशी निवेश और मैन्युफैक्चरिंग हब (Manufacturing hub) की संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं। संभावित तौर पर निवेश और उत्पादन को प्रदेश सरकार विकेंद्रीकृत (Decentralized) कर, हर जिले में रोजगार के पर्याप्त अवसर सुनिश्चित करवा सकती है।
प्रवासी मजदूरों को फौरी राहत देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार 90 हजार लोगों के बैंक खातों में एक हजार रुपए की सहायता राशि भेजेगी। हाल ही में मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (video conferencing) कर प्रवासी मजदूरों का हाल जाना। इस दौरान कई मजदूरों ने बाहर ना जाकर प्रदेश में ही मेहनत-मजदूरी करने की बात कही। प्रदेश सरकार की इस पहल से पूर्वांचल इलाका (Purvanchal area) काफी लाभान्वित होगा। क्योंकि इसी क्षेत्र से ज्यादातर लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में काम करने जाते हैं।